image source : flydream publication |
अमोध को विशुद्ध भारतीय जनता को ध्यान में रख कर लिखा गया है, क्यूंकि इसमें न केवल महानायकों की हीरो गिरी है बल्कि उपन्यास का मुख केंद्र भारतीय पौराणिक संस्कृति है.. कथा द्वापर युग से निकलकर कलयुग तक जाती है.. उपन्यास का कथानक कुछ इस प्रकार है .
द्वापर युग से निकलकर महाविध्वंसक और अपराजेय राक्षसी शक्तियाँ जब कलयुग में आकर अपना आतंक फैलाती है तो पूरा विश्व त्राहि-त्राहि कर उठता है .
और इनको रोकने का बीड़ा उठाते है हमारे तीन महानायक -धनुष, आग्नेय और वेदिका !
किन्तु राक्षसी शक्तियाँ भी अत्यंत प्रबल हैं। और उनको रोकने के लिए जागृत करना होगा श्री कृष्ण का सुदर्शन चक्र -अमोघ .. और उसे जागृत करने के लिए खोजना होगा श्री कृष्ण का 'मोर पंख' और 'पांचजन्य शंख', जो छिपा है विलुप्त द्वारिका नगरी में ,जो अब अंतहीन सागर की गहराईयों में कहीं खो चुकी है /..
क्या कलियुग के महानायक हर तिलिस्मी बाधा को पार कर पहुँच पाएंगे द्वारिका और रोक पाएंगे सृष्टि के इस महाविनाश को?
इसका उत्तर जानने के लिए आपको पढनी पड़ेगी अनुराग कुमार सिंह की कलम से निकला एक सुपरहीरो फेंटेसी नॉवेल -
अनुराग कुमार सिंह जी का साक्षात्कार पढने के लिए इस लिंक पर जाएँ -
2 टिप्पणियाँ
सुपरहीरो अमोघ ने दिल जीत लिया है
जवाब देंहटाएंबेहतरीन किताब!१ नेक्स्ट पार्ट का इंतज़ार रहेगा..
हटाएं